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लेखनी प्रतियोगिता -05-Jan-2022

हमारी महोब्बत की एक कहानी में आपको भी सुनाती हु,
मेरे लिए वो पोपट और उसके लिए में चकली कहलाती हु,
अब ना तीजा में इस महोब्बत में चाहती हूं,
बस हम दोनों ही उम्रभर साथ रहे, एक यही दुआ मांगती में हु।

मुलाकात नहीं हुई है, फिर भी तलबगार दोनों है,
बातों से ही इश्क़ हुआ है, इसलिए चेहरा देखने की जरूरत ना हुई है,
हजारो से मुलाकात हुई है, पर फिर भी तलाश सिर्फ उसीकी हुई है,
लफ्जो से जताने वाले हर उस शख्स की महोब्बत में, मुझे आंखों की महोब्बत सिर्फ उसीकी कबूल हुई है।

मेरी हर कविता मैंने सिर्फ उस पर ही लिखी है,
शुक्रगुजार हूं में उसकी जिस पर मैन अपनी हर कविता कुरबान की है,
पर आज भी में उसे अपनी कविताएं नहीं बताई है,
इश्क़ उसीसे बेपनाह करके, उसीको खुदसे मैंने अंजान रखा है....

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3 Comments

Shrishti pandey

06-Jan-2022 10:16 AM

Very nice

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Niraj Pandey

05-Jan-2022 11:55 PM

बहुत खूब

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Abhinav ji

05-Jan-2022 11:54 PM

Nice

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